EMI Bounce Update: वर्तमान समय में लोन लेना एक आम बात बन चुकी है हालांकि कई बार लोग आर्थिक आवश्यकताओं के चलते समय पर इंस्टॉलमेंट का भगत नहीं कर पाते ऐसे में बैंक बड़े कदम उठा रहा है जिससे लोन धारकों को कई सारी परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।
हाल ही में हाई कोर्ट के द्वारा एक बड़ा फैसला सुनाया गया है जो लोन धारकों के लिए एक राहत भरी खबर लेकर आया है सुप्रीम कोर्ट के द्वारा साफ तौर पर बता दिया है कि लोन न चुकाने पर बैंक आपकी मौलिक स्वतंत्रता का आना नहीं कर सकता है इसका सीधा सा अर्थ यह है कि आप लोन डिफॉल्ट करते हैं, तो बैंक आपके खिलाफ LOC (Lookout Circular) जारी नहीं कर सकते और न ही आपको विदेश जाने से रोक सकते हैं।
लोन न चुकाने पर बैंक क्या-क्या कर सकते हैं?
जब भी किसी व्यक्ति के द्वारा लोन लिया जाता है तो उसे समय पर इंस्टॉलमेंट भरना पड़ता है अगर आप इंस्टॉल में नहीं भरते हैं तो बैंक मूल्य रूप से यह बड़े कदम उठाता है।
- कानूनी नोटिस भेजना – बैंक आपको बार-बार रिमाइंडर और नोटिस भेजते हैं
- संपत्ति जब्त करना – अगर लोन सिक्योर्ड (गिरवी रखी संपत्ति) है, तो बैंक आपकी संपत्ति को जब्त कर सकते हैं
- क्रेडिट स्कोर खराब करना – समय पर लोन न चुकाने पर CIBIL स्कोर खराब हो सकता है जिसके चलते भविष्य में लोन लेने में समस्या आ सकती हैं।
- लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी करना – परिस्थितियों में बैंक के द्वारा आपके खिलाफ LOC जारी कर दिया जाता है जिसके चलते आप विदेश यात्राओं का लाभ नहीं ले सकते।
क्या होता है LOC और इसे कब जारी किया जाता है?
आप सभी की जानकारी के लिए बता दे की Lookout Circular (LOC) एक प्रकार का नोटिस होता है जो मूल रूप से व्यक्ति को देश छोड़ने से रोकने में सहायता करता है और जब आप देश छोड़ने हैं तो ऐसी स्थिति में LOC जारी किया जाता है।
- किसी व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हो
- व्यक्ति भगोड़ा घोषित हो या किसी सरकारी जांच में शामिल होने से बच रहा हो
- वह व्यक्ति कर्ज लेकर भागने का प्रयास कर रहा है
हालांकि कई बार बैंक कैसे लोन डिफाल्टर के मामले में भी लागू करते हैं दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा इस पर बड़ी कार्रवाई करी है और प्रत्येक लोन डिफाल्टर के खिलाफ LOC जारी नहीं करने के प्रमुख निर्देश जारी किए हैं।
मामला क्या था?
इस केस में याचिकाकर्ता ने दो कारों के लिए लोन लिया था:
- पहली कार के लिए ₹13 लाख
- दूसरी कार के लिए ₹12 लाख
प्रथम समय में उन्होंने कुछ इंस्टॉलमेंट का भुगतान कर हालांकि फिर भुगतान करना बंद कर दिया बैंक ने उन्हें नोटिस भेजा लेकिन जवाब न मिलने पर LOC जारी किया गया ताकि वह विदेश में जा सके इसके अलावा याचिकाकर्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की और कहा कि वह जांच में सहयोग करेगा और कोर्ट की हर सुनवाई में प्रस्तुत होना पड़ेगा।
कोर्ट का बड़ा फैसला – LOC रद्द!
दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा बैंक की इस बड़ी हरकत को अन्यायपूर्ण बताया और LOC को रद्द करने का नियम पारित किया।
- बिना आपराधिक आरोप के LOC जारी नहीं हो सकता
- बैंक केवल लोन डिफॉल्ट के आधार पर लोगों की स्वतंत्रता नहीं छीन सकते
- मौलिक अधिकार हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण हैं यदि वह चाहे लोन चुका है अथवा नहीं