Daily Wage Workers: उमा देवी निर्णय के दुरुपयोग पर रोक, दैनिक वेतन भोगियों के नियमितीकरण का रास्ता साफ

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Daily Wage Workers: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है जिसके तहत बताया गया है कि उमा देवी फैसले का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता इस फैसले के चलते लाखों दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है जो कई वर्षों से सरकारी विभाग एवं अतिरिक्त संस्थानों में कार्यरत है अब ऐसे सभी कर्मचारियों को नियमित किए जाने का रास्ता साफ हो गया है आईए जानते हैं इस फैसले के बारे में कुछ आसान जानकारियां।

आप सभी की जानकारी के लिए बता दे की उमा देवी बनाम भारत सरकार (2006) का फैसला सरकारी भर्तियों से संबंधित एक ऐतिहासिक निर्णय साबित हुआ था इस केस में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बताया गया था कि सरकारी नौकरियों में भर्ती केवल संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के अंतर्गत निर्धारित की गई हो और इसका सीधा सा अर्थ यह है कि किसी भी कर्मचारी को स्थाई नियुक्ति तभी दी जाएगी जब वह उचित चयन प्रक्रिया से पारित किया गया है।

मूलभूत बिंदु कुछ विस्तार से बताए गए हैं।

महत्वपूर्ण बिना वैलिड भर्ती प्रक्रिया के किसी को स्थाई नौकरी नहीं दी जाएगी।
लंबे समय तक कार्य करने का अर्थ यह नहीं है कि किसी भी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
सभी सरकारी भर्तियों को योग्यता एवं पारदर्शिता के आधार पर नियुक्त किया जाना चाहिए।

इस बड़े फैसले के पश्चात कई संस्कारी कार्यचल अस्थाई एवं संविदा कर्मचारियों को नियमित करने से इनकार किया गया था हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने यही स्पष्ट रूप से बता दिया है कि उमा देवी फैसले का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट का नया फैसला: कर्मचारियों के लिए राहत

सुप्रीम कोर्ट के इस बड़े फैसले के तहत बताया गया है कि यदि कोई कर्मचारी कई सालों से एक ही पद पर काम कर रहा है और उसकी सेवा आवश्यक मानी जाएगी एवं उसे नियमित किया जा सकेगा।

फैसले के मुख्य बिंदु

  • अनुचित लाभ नहीं, लेकिन न्याय जरूरी: सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बताया गया है कि उमा देवी फैसले का उद्देश्य केवल गलत तरीके से हुई भर्तियों को रोकना था इससे न केवल कार्य करने वाले कर्मचारियों को लाभ मिलेगा बल्कि अधिकारी को भी हनन हो रहा था।
  • लंबी सेवा को मान्यता: यदि किसी कर्मचारी की 2 वर्ष की सेवा लगातार पूर्ण हो चुकी है तो उसकी नौकरी की आवश्यकता बन चुकी है ऐसी स्थिति में उसे स्थाई करना आवश्यक हो जाता है।
  • राज्यों को निर्देश: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य एवं सरकारी विभागों को निर्देश के अनुसार बताया है की उमा देवी के फैसले का प्रयोग ना करें।

किन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?

इस बड़े फैसले के चलते उन कर्मचारियों को सबसे अधिक फायदा मिलने वाला है जो की

  • दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी – जो कई वर्षों से सरकारी विभागों में कार्यरत हैं।
  • संविदा कर्मचारी – जिनकी भर्ती उचित प्रक्रिया के तहत हुई थी और काफी लंबे समय से सेवाएं दे रहे हैं।
  • स्थाई कर्मचारी: जिन्हें बिना किसी उचित कारण के चलते नियमित नहीं किया गया हो।

फैसले का प्रभाव: लाखों कर्मचारियों को राहत

बता दे कि फैसले के चलते लाखों कर्मचारियों को बड़ा प्रभाव पड़ेगा जैसे की यह फैसला उन कर्मचारियों के लिए फायदेमंद है जो लंबे समय से सरकार से संस्थान संसाधनों के अनुबंध पर कार्यरत है एवं अब अस्थायी कर्मचारियों को भी स्थायी नौकरी का अवसर मिलने वाला है और साथ ही सरकार को अब संविदा और अस्थायी कर्मचारियों के लिए नई रणनीति का निर्धारण करना होगा।

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